Kisi Ke Baap Ka Hindustaan Thodi hai # Rahat Indori Shayari
*** Kisi Ke Baap Ka Hindustaan Thodi Hai***
Agar khilaaf hai hone do jaan thodi hai
Ye sab dhua hai koi aasmaan thodi hai..
Lagegi aag to aayege ghar kayi zad me
Yaha pe sirf hamara makan thodi hai..
Hamare muh se jo nikle wahi sadaqat hai
Hamare muh me tumhari zuban thodi hai..
Mai jaanta hu ke dushman bhi kam nahi lekin
Hamari tarh hatheli pe jaan thodi hai..
Jo aaj sahib-e-masnand hai kal nahi hoge
Kirayedaar hai jati makan thode hai..
Sabhi ka khoon hai shamil yaha ki mitti me
Kisi ke baap ka hindustaan thodi hai..
❤❤❤❤
अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है
ये सब धुआ है कोई आसमान थोड़ी है..
लगेगी आग तो आएगे घर कई ज़द मे
यहा पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है..
हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है
हमारे मुँह मे तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है..
मै जानता हू के दुश्मन भी कम नही लेकिन
हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है..
जो आज साहिब-ए-मसनंद है कल नही होगे
किरायेदार है जाती मकान थोड़े है..
सभी का खून है शामिल यहा की मिट्टी मे
8 comments
Write comments#राहत_इन्दौरी को उन्ही की भाषा में विनम्र जवाब:-
Replyखफा होते है हो जाने दो, घर के मेहमान थोड़ी है
जहाँ भर से लताड़े जा चुके है, इनका मान थोड़ी है..
.
ये कृष्ण-राम की धरती, सजदा करना ही होगा
मेरा वतन ये मेरी माँ है, लूट का सामान थोड़ी है
.
मैं जानता हूँ, घर में बन चुके है सैकड़ों भेदी
जो सिक्कों में बिक जाए वो मेरा ईमान थोड़ी है
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मेरे पुरखों ने सींचा है इसे लहू के कतरे कतरे से
बहुत बांटा मगर अब बस, खैरात थोड़ी है
.
जो रहजन थे उन्हें हाकिम बना कर उम्र भर पूजा
मगर अब हम भी सच्चाई से अनजान थोड़ी है ?
.
बहुत लूटा फिरंगी तो कभी बाबर के पूतों ने
ये मेरा घर है मेरी जाँ, मुफ्त की सराय थोड़ी है
आप मेरे पसंदीदा शायर थे, होंगे पर मुल्क़ से बढ़कर थोड़ी हैं
समझे आहत इंदौरी
वंदे मातरम... जय हिंद...... !
Ye sab bakwas hai apko sacchai malum thodi.
ReplyYahan sirf musalimo ka bahaa hai khun. Apko malum thodi hai.
Babar ne to sajaya hia is desh ko modi jaisa fheku thodi hai.
Yahan sajda sirf khuda ka hoga. Kisi ke baap ka hindustan thodi hai
Jay hind sir jiii
Reply
ReplyLagegi aag to aayege ghar kayi zad me
Yaha pe sirf hamara makan thodi hai
Jo aaj sahib-e-masnand hai kal nahi hoge
Kirayedaar hai 5 saal ke jati makan thode hai..
Sabhi ka khoon hai shamil yaha ki mitti me
Modi yogi ke baap ka hindustaan thodi hai..
यहां की मिट्टी में जो शामिल था
Replyसुअर की औलादों मुसलमानो की खून
उस मिट्टी को वह पा गए
अब यह हमारे बाप का हिनदूस्तान है
सुअर की औलादों का थोडी है
Kisi Ko Dil Diwana Pasand Hai,
ReplyKisi Ko Dil Ka Najrana Pasand Hai,
Auron Ki Toh Khabar Nahi Lekin,
Mujhe Toh Apno Ka Muskurana Pasand Hai.
Hakikat se rubaru h sab sach kisi se chipa thodi h..
ReplyMullon ne bata h desh ko ye kisise chipa thodi hh..
Ye shri ram ki bhoomi hh tera abba ka ghr thodi hh..
Ye desh h shero ka gidado ka raajya thodi hh..
Nhi samil tum kutto ka khoon desh ki miiti m . Tumhare baap ka hidustan thodi hh...
Jai hind jai bharat 🇮🇳🇮🇳
*इस दो कौड़ी के शायर ने रामचरित मानस तुलसीदास और प्रधानमंत्री अटल जी का मजाक उड़ाना भी सहिष्णुता समझा था ।*
Reply* गोधरा कांड मे मुसलमानों द्वारा जलाए गए हिन्दुओं का मजाक भी इसी घटिया व बददिमाग शायर ने उड़ाया था और अपने धर्म के लोगो को निर्दोष बताते हुए बोला था कि गोधरा कांड तो हुआ ही नही था।
*"सुना है बॉर्डर पे तनाव है,
मालूम करो देश मे कहीं चुनाव तो नहीं"*
लानत इंदौरी ने यह शेर हमारे सैनिकों के शहीद होने पर कहा था।
*#राहत_इंदौरी नही रहे, पर जब तक रहे हिंदुत्व के खिलाफ जहर बोलते रहे और कमीनापन दिखाते रहे ।।
✍️जिस ने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई को उनके घुटनों के ऑपरेशन के समय तंज कसते हुए व अपमानित करते हुए कहा था...
निकाह किया नहीं,
तो फिर यह मर्द कैसा?
घुटनों से काम लिया ही नहीं,
तो फिर दर्द कैसा?
✍️CAA/NRC प्रोटेस्ट के समय उनकी कही गई शायरी..
ये दाड़ियाँ, ये तिलकधारियाँ नहीं चलतीं,
हमारे अहद में मक्कारियाँ नहीं चलतीं....
यह मुझे आज भी याद है !
दाढ़ियाँ और तिलकधारियाँ से उनका सीधा हमला मोदी/शाह और हिन्दुओ पर था....!!
✍️राहत इंदौरी ने लिखा था:-
सभी का खून शामिल, है यहां की मिट्टी में ।
किसी के बाप का हिन्दुतान थोड़े ही है ।।
यह शेर अपनी कविता के माध्यम से सुनाने वाले ।।
और इससे सीधा हमारे पूर्वजों पर हमला करने वाले भी यही लंडुरी साहब थे....!!!
खैर....
✍️✍️#राहत की राहत मिटाते हुए आज के दिन दो शब्द और,
��������#भारतवासी_सनातनियों_की_आवाज़
#मस्जिदें कबूल थी, बस मंदिर खटक गए ।
भूमि पूजन से आहत, राहत सटक गए ।।����
#फैला है वायरस तो, आएं हैं चपेट में कई सूरमा ।
इस जहां में अकेले, अमित शाह का मकान थोड़े ना है ।।
#साँसे टूटेंगी तो जाना तुझे भी पड़ेगा ।
ऑक्सीजन किसी के बाप की थोड़े ही है ।।����
#खफा होते हैं तो होने दो, घर के मेहमान थोड़े ही हैं ।
जहां भर से लताड़े जा चुके, इनका ईमान थोड़े ही है ।।��
#तुकबन्दी का शायर मरा है, उसे सलाम थोड़े ही है ।
टुकड़े गैंग का पोपट था, कोई साहब कलाम थोड़ी है ।।����
#मांगी थी उसने दुआ, अमित शाह जी के लिए ।
क्या करें ए खुदा, कुबूल राहत की हो गयी ।।
#ये कान्हा व राम की धरती है, सजदा करना ही होगा ।
मेरा यह वतन मेरी माँ है, लूट का सामान थोड़े ही है ।।
#विरले मिलते हैं, सच्चे मुसलमान इस दुनिया में ।
क्योंकि हर कोई अब्दुल हमीद, और कलाम थोड़े ही है ।।
#अपने भी कुछ लोग होते हैं, शामिल वतन तोड़ने में ।
कन्हैया और रवीश कुमार, मुसलमान थोड़े ही हैं ।।
#नही शामिल तुम्हारा खून, इस देश की पावन मिट्टी में ।
किसी देशद्रोही सूअर के, बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है ।।��
पर हिंदुस्तान का हिन्दू बहुत ही सहिष्णु है वो राहत इंदौरी को माफ जरूर कर देगा.!
खैर हम तो ऐसे जीवों का कोई सम्मान नहीं करते हैं ।।
ऐसे देश और हिंदू विरोधी को श्रधांजलि तो मैं कभी न दूं।।
���� #भारत_माता_की_जय ����
1)
Hakikat se rubaru h sab sach kisi se chipa thodi h..
Mullon ne bata h desh ko ye kisise chipa thodi hh..
Ye shri ram ki bhoomi hh tere abba ka ghr thodi hh..
Ye desh h shero ka suar ka raajya thodi hh..
Nhi samil tum kutto ka khoon es desh ki miiti m .
Tumhare baap ka hindustan thodi hh...
2)
Khat-na me bahaya khoon
koi desh ki shan thodi hai!
abba le chuke tumhare pakistan,
tumhare baap ka Hindusthan thodi hai.
3)मरदूद शायर लानत #इंदौरी ने नरक से यह ताज़ा ग़ज़ल भेजी है-
यहां तो यमदूत पीट रहे हैं, जन्नत इसका नाम थोड़ी है..!
चित्रगुप्त हिसाब कर रहे हैं, किसी हूर का निज़ाम थोड़ी है!
ओसामा है, कसाब है और अफ़ज़ल भी है यहां,
यह कोई ख़ुदा या फ़रिश्तों का मुक़ाम थोड़ी है..!
घूमते हैं यहाँ हर तरफ़ लिजलिजे सूअर��
यहाँ बहत्तर हूरों के हुस्न का जाम थोड़ी है!
भरे पड़े हैं यहाँ तमाम ग़द्दार मेरे ही जैसे...
यहाँ किसी मुल्क का शरीफ़ अवाम थोड़ी है!
मुल्क से ग़द्दारी पे सौ-सौ बार मुझको “लानत”
उसी की सजा है, ख़िदमत का इनाम थोड़ी है।
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